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बिहार की विश्वप्रसिद्ध ‘मधुबनी’ पेंटिंग के साथ उत्तराखंड की ‘ऐपण’ कला को नया आयाम दे रही हैं जया डौर्बी

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        भा रतकि चित्रकलाक कहानि शिलाचित्रों बै शुरू है बेर कंप्यूटर चित्रों तलक पुजि गे । य कतुक पुराणि छु यैक अंताज मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, चन्हूदड़ो व लोथल आदि उत्खन्न में मिली वस्तुओं बै लगाई जै सकीं ।       भारतकि चित्रकलाक अजन्ता शैली, गुजराती शैली, पाल शैली, जैन शैली, अपभ्रंश शैली, राजस्थानी शैली, मुगल शैली, पहाड़ी शैली, पटना शैली, सिख शैली, दक्कन शैली, लोक शैली, मधुबनी शैली, आधुनिक शैली दुनी भर में भौत प्रसिद्ध छन ।          रवीन्द्रनाथ टैगोर ज्यू कुनी - " कला मानव की बाह्य वस्तुओं की अपेक्षा स्वानुभूती की अभिव्यक्ति है।"         पुराण जमा्न बटी आज तलक हमा्र लोक कलाकारोंलि भारतकि कला कैं सजूण सवारण व दुनी में प्रसिद्धी दिलूण में ठुल भूमिका निभै। आजकई हुनरमंद कलाकार भारतकि कला परंपरा कैं बरकरार धरी छन और नई प्रयोग लै करण रई जैल कलाक बिस्तार होते जां।             कलाक क्षेत्र में कुछ अलग व नई प्रयोग करण रई युवा लोककलाकार  जया डौर्बी । Aipan art by Jaya...

कुमाउनी किताब ‘यादों मोरि बै’ विमोचन

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          आज २४ अक्टूबर २०२० क दिन नगर पालिका परिषद सभागार अल्मोड़ा में शिक्षा विभाग बै रिटायर ‘आनंद बल्लभ जोशी’ ज्यूक कुमाउनी किताब ‘यादों मोरि बै’ क विमोचन करी गो ।  य किताब में उना्र कुमाउनी में लेखी गद्य व पद्य रचनाएं छन, कुछेक हिंदी रचनाएं लै य किताब में शामिल छन । कार्यक्रमकि अध्यक्षता त्रिभुवन गिरि ज्यू व संचालन ‘पहरू’ कुमाउनी पत्रिका संपादक डॉ. हयात सिंह रावत ज्यूल करौ ।                    कार्यक्रम में पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, अल्मोड़ा अर्बन बैंक अध्यक्ष आनंद सिंह बगड्वाल , बालप्रहरी संपादक उदय किरौला,  गिरीश मल्होत्रा, दयाकृष्ण कांडपाल, विनोद जोशी, ललित तुलेरा समेत हौर लोग मौजूद रई । •  कुमाउनी भाषा में लेखी किताब और उना्र लेखक