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उज्याव' संगठन का वार्षिकोत्सव मनाया, कवियों ने सुनाई कुमाउनी कविताएं

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  ललित तुलेरा, अल्मोड़ा।      कुमाउनी भाषाक बिकासक लिजी युवाओं द्वारा बणाई 'उज्याव' संठनक एक साल पुर हुण पर वार्षिकोत्सव मनाई गो।  य मौक पर 26 दिसंबर 2022 हुं ब्यालकार 07 बाजी बै औनलाइन 'विराट कुमाउनी कवि सम्मेलन' उरयाई गो।       'उज्याव' कुमाउनी भाषा में कलम चलूणी युवाओंक संगठन छु, जमें कुमाऊँ समेत देश भर बै प्रवासी कुमाउनी रचनाकार लै जुड़ रई। संगठन द्वारा हर महैण आँखिरी इतवारक दिन एक औनलाइन कवि गोष्ठी कराई जैं। य संगठन  26 दिसंबर 2021 हुं बागेश्वर में आयोजित 'राष्ट्रीय कुमाउनी भाषा सम्मेलन' में युवाओं द्वारा बणाई गोछी।   कार्ययक्रम में कवि गोष्ठीक संचालन कुमाउनी युवा कवि व 'उज्याव' संगठनक संयोजक  दीपक सिंह भाकुनी द्वारा करी गो। कार्यक्रमक शुभारंभ कवयित्री  पुष्पालता जोशी 'पुष्पांजलि'  द्वारा माँ शारदाक वंदना द्वारा करी गो।  ●  यों कुमाउनी रचनाकारोंल करो कविता पाठ-       कार्यक्रम में कुमाउनी कवि गोपाल सिंह बिष्ट (देहरादून), भूपाल बिष्ट (रानीखेत), नंद किशोर जोशी (गुजरात), श्रीमती बीना भट...

कुमाउनी सिनेमा का इतिहास HISTORY OF KUMAUNI CINEMA

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● ललित तुलेरा tulera.lalit@gmail.com   दु नी में फिलमोंकि शुरूवात 1895 बै भै जब लिमिएर बंधु द्वारा ‘अरायव्हल ऑफ द ट्रेन’ नामकि चलचित्र दिखाई गे। आज सवा सौ साल बिश्व सिनेमाक सफर कै है गईं। हमर भारत में तमाम भाषाओं में अलग-अलग भागों में बणनी वा्ल फिलमों कैं भारतीय सिनेमा में गणी जां। भारत में क्षेत्रीय भाषाओं में लै फिलम बणूनक खूब काम हुं। उत्तराखंडा्क क्षेत्रीय  भाषाओं  में लै फिलम निर्माणक भल काम है रौ।       05 मई 1983 ई.क दिन उत्तराखंडक लिजी एक ऐतिहासिक दिन छु किलैकी य दिन उत्तराखंडक क्षेत्रीय भाषा गढ़वाली में पैंल फिलम ‘ जग्वाल ’ रिलीज भै और ठीक चार साल बाद 1987 ई. हुं उत्तराखंडकि दुसरि प्रमुख भाषा कुमाउनी में ‘ मेघा आ ’ फिलम रिलीज भै। (पहली कुमाउनी फिल्म ' मेघा आ'  का पोस्टर)       कुमाउनी भाषा में फिलम निर्माणक लै भौत काम है रौ। कुमाउनी सिनेमाक सफर 1987 ई. में ‘ स्वाति सिने प्रोडक्षन’ संस्था द्वारा बणी ‘ मेघा आ’ फिलम बै शुरू भै। अल्माड़ जिल्लक सालम पट्टी में ल्वाली गौंक रौणी जीवन सिंह बिष्ट ज्यूक प्रय...