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डाकघट का संक्षिप्त इतिहास ( A Brief History of DANKGHAT)- ललित तुलेरा Lalit Tulera

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ललित तुलेरा tulera.lalit@gmail.com उ त्तराखंड में कई घाटियां और स्थान ऐसे भी हैं जिनका महत्त्वपूर्ण इतिहास रहा है और वे मुख्य धारा में शामिल न हो पाने के कारण अब तक प्रकाश में नहीं आ पाए हैं। ये ऐसे स्थान हैं जो आजादी के कई दशकों बाद भी सड़क, संचार, स्वास्थ्य आदि मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहे हैं। ऐसा ही एक स्थान है डाकघट । कुमाऊं मंडल स्थित बागेश्वर जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर व गरूड़ ब्लॉक मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर सुदूर लाहुर घाटी में एक छोटा व्यावसायिक केन्द्र है- डाकघट । लाहुर नदी के किनारे बसा यह एक छोटी बाजार है। इसका स्थानीय कुमाउनी भाषा में मूल नाम ' डाङघट ' है। यह नाम ' डाङ ' और ' घट' दो शब्दों से मिलकर बना है। 'डाङ' शब्द कुमाउनी का है जिसका अर्थ है विशाल चट्टान, और 'घट' शब्द का उपयोग कुमाउनी में घराट या पनचक्की के लिए होता है। इस तरह 'डाङघट' नामकरण विशाल चट्टान और घराट दोनों की मौजूदगी की वजह से रखा हुआ मालूम पड़ता है, क्योंकि यहां घट और विशाल चट्टान हैं। 'डाङघट' का हिंदीकरण करके इसे ' डाकघट ...