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"कुमगढ़" कुमाउनी गढ़वाली मासिक पत्रिका दगै कसिक जुड़ सकनी

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कुमगढ़  मासिक पत्रिका उत्तराखंडाक कुमाउनी व गढ़वाली भााषाओंकि पत्रिका छु। हल्द्वानी बै निकलणी  य पत्रिका उत्तराखंडाक  कुमाउनी व गढ़वाली भााषाओं क विकास में जुट रै।       ( कुमगढ़ पत्रिका नवंबर दिसंबर २०१६ अंक मुखपृष्ठ) यैक पत्त य परकार छु-      यां दिई नंबरों पर संपर्क करि बेर या चिट््ठी लेखि बेर य पत्रिका दगै जुड़ सकनी।  💐 

"आदलि-कुशलि" कुमाउनी मासिक पत्रिका दगै कसिक जुड़ सकनी

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कुमाउनी भाषा व साहित्य संस्कृति विकास में आदलि-कुशलि कुमाउनी मासिक पत्रिका भल योगदान दिनै। पिथौरागढ़ जिल्ल बै निकलैं।       ( आदलि-कुशलि पत्रिका   २०१९ अंक मुखपृष्ठ )  यैक पत्त य प्रकार छु-      यां देई नंबरों पर संपर्क करि बेर या ई-मेल करि बेर या चिट्ठी भेजि सदस्य बणी जै सकीं।  💐 

"पहरू" कुमाउनी पत्रिका दगै कसिक जुड़ सकनी

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       पहरू   कुमाउनी भाषाक महैनवार छपणी पत्रिका छु। य  कुमाउनी भाषाक नामी पत्रिका छु। कुमाउनी भाषा में छपणी य पत्रिकाक पुर देश में कुमाउनी समाजक बीच में भल शाख छु। आज य पत्रिका में साहित्य क लगभग हर विधाओं में कुमाउनी में रचना छपनी। अल्मोड़ा बै निकलणी कुमाउनी भाषा व साहित्य विकास में यैक महत्वपूर्ण भूमिका रई छु व ऐलक बखत में य कुमाउनी भाषा व साहित्य में खास भूमिका निभूनै।        य  एक पत्रिका ई ना बल्कि एक मुहिम लै छु हमरि दुदबोलि  कुमाउनी भाषा  व संस्कृति कैं बचूणकि और उकैं अघिल बढूणकि। हमरि कुमाऊँ अंचलकि भाषा हमरि दुदबोलि कुमाउनीक बिकासै लिजी ११ सालों बटी पहरू पत्रिका कुमाउनी भाषाक सेवा में वीक साहित्यक भकार भरण में लागि रै। कुमाउनी भाषा में कुमाउनी भाषा प्रेमी व लेखकोंक कठिण मिहनतल आज साहित्यकि हर विधा में रचना हुण रई,  दिन पर दिन हमरि कुमाउनी भाषा तरक्की करनै। आजक दौर में हमूकैं हिंदी, अंग्रेजी भाषा सिखण लै जरूरी छन मगर जो हमरि दुदबोलि व पछ्याण छु- कुमाउनी भाषा, वीक लै हिफाजत दगाड़-दगाड़ै करण चैं। इकैं हमूल आ...

कुमाउनी चिट्ठी - आँशु भरि उनी पढ़बेर

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                 जब फोन नी हुंछी तब चिट्ठी क जमान छि , चिट्ठी लेखि बेर आशल-कुशल ल्हिई जांछी । गौं - घरौं पन तब पढ़ी - लेखी मैंस भौत कम मिलछी यानी चिट्ठी लेखणी व पढ़णी लै कम मैंस छी। जो अनपढ़ हुंछी उ चिट्ठी लेखि मांगछी पढ़ि मांगछी। कुमाउनी प्रेमक चिट्ठी में खाश चीज य हुंछी कि यमें कुमाउनी जोड़ कैं लेखि बेर आपुण दिलकि बात कई जांछी। तब चिट्ठी-पत्री डाक 📮द्वारा भेजी जांछी, डाकियक बड़ इंतजार रूंछी।      घरवाइ द्वारा घरवाव हुं लेखी कुमाउनी चिट्ठी क यसै एक नमुन कुमाउनी साहित्यकार  महेन्द्र ठकुराठी  ज्यू द्वारा लेखी छु। राष्ट्रीय कुमाउनी भाषा सम्मेलन २०१९ में य चिट्ठी लेखण पर उनूकैं 'इन्द्र सिंह रावत स्मृति कुमाउनी प्रेम पत्र लेखन योजना २०१९' में कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति कसारदेवी अल्मोड़ा क ओर बटि पुरस्कार लै मिली छु।  ( पहरू कुमाउनी पत्रिका जनवरी २०२० अंक बै साभार)  कुमाउनी चिट्ठी क लै आपुण भल इतिहास रई छु। कयेक फौजी, शहरों में नौकरी करणी मनखी आपुण खबरबात कुमाउनी भाषा मे...