प्रसिद्ध साहित्यकार शेखर जोशी की आपनी मातृभाषा 'कुमाउनी' में लिखी कविताएं
● शेखर जोशी जनम- 10 सितम्बर 1932 ई. निधन- 04 अक्टूबर 2022 ई. निवासी-ओलिया गांव, सोमेश्वर, अल्मोड़ा (उत्तराखंड) लेखन - कुमाउनी में कहानि, निबंध, संस्मरण, शब्द चित्र। हिंदी में ‘कोसी का घटवार’, नौरंगी बीमार है’ समेत कई कहानी संग्रह प्रकाशित। सम्मान - ‘बहादुरसिंह बनौला स्मृति कुमाउनी साहित्य सेवी सम्मान’ 2014 ई. आदि। १. बुढ़ज्यूक विलाप आहा! कास भाल छी ऊं दिन जब मोबैल और फ्यासबुक नि छी ह्यूना दिनन सगड़ा चैगिर्द बैठि बेर कतुक क्वीड़ हुंछी, सुख-दुख लगूंछियां उतरैणी कौतिक में को-को गईं को कि ल्या? बजैन गौंक एक कौतिक्यार ख्वार में मोस्ट ल्हि जाणौछी एका हाथ में ठुलि ठेकि छी सब्बै स्यैणिनलि रिखूकि जांठि बणै राखछी बेई चिट्ठीरसैन कैक मन्याडर ल्या? तुमरि जगदीशै चिट्ठी ऐ रै बल, के लेखणईं? आज बिनू बल्द कैक उज्याड़ गो? बड़ि गाला-गाल सुणीनैछी? बद्रिका बाड़ में भलो कौंल-कौंल पालक है रौ, क्वे खाणी ...