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किताब समीक्षा । १.उत्तराखंड के साहित्यकार, २. अघिल दशक उत्तराखंडक

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  १. कुमाउनी में रिपोर्ताज बिधाकि शुरूवाती किताब              कुमाउनी साहित्यकार गोविंद बल्लभ बहुुगुणा ज्यूकि कुमाउनी में ‘ अघिल दशक उत्तराखंडक’ किताब छपि रै। य किताब रिपोर्ताज विधा में छपी छु। गोविंद बल्लभ बहुगुणा ज्यू लंब टैम बै आपणि दुदबोलि कुमाउनी में कलम चलूनई और कुमाउनी अखबार व पत्रिकाओं में लेखते रौनी। ‘अघिल दशक उत्तराखंडक’ किताब कुमाउनी साहित्य में रिपोर्ताज विधा में शुरूवाती किताबन में छु। पैंल किताब डाॅ. पवनेश ठकुराठी कि ‘ सम्मेलनों-संगोष्ठियों बै’ (2016) छु।         ‘अघिल दशक उत्तराखंडक’ किताब में श्री बहुगुणा ज्यूल उत्तराखंडक भितर घटी समसामयिक मुद्दों पर कलम चलै रै। य किताब में अलग-अलग बिषयों पर 72 रिपोर्ताज छन। इनूमें कोरोना महामारी, जङव, चुनाव, पर्यावरण, पलायन, कुमाउनी भाषा, जङवक आ्ग, शिक्षा, उत्तराखंड, खेल, रोजगार, आपदा, पर्यटन, प्रदूषण, मोबाइल, उत्तराखंड राज्यक भविष्य, पाणि, उद्योग, संचार समेत कदुकै जरूरी मुद्दन पर ना्न-ना्न रिपोर्ताज लेखी छन। यों रिपोर्ताज अल्मा्ड़ बै हर हफ्त छपणी कुमाउनी अखबार...

कुमाउनी भाषा में इस वर्ष (२०२४) की नौ लेखन पुरस्कार योजनाएं

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        कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति कसारदेवी, अल्मोड़ा व ‘ पहरू ’ कुमाउनी मासिक पत्रिका द्वारा साल 2010 बटी कुमाउनी भाषा में कुमाउनी साहित्य और भाषा बिकासै लिजी साहित्यकि तमाम बिधाओं में लेखन पुरस्कार योजना चलाई जानई। य लेखन योजनाओंल कुमाउनी में साहित्यकि नई गङ बगै। जां एक तरफ कुमाउनी साहित्य में नई नई बिधाओं में कुमाउनी साहित्य लेखी जै सकौ, तो वांई कुमाउनी में लेखण-पढ़नक लै रिवाज बढ़ौ। नई लेखार लै सामणि आई और कुमाउनी में उरातार साहित्यक बिकास हुनै गो। कुमाउनी में गद्य और पद्य में आज जाधेतर साहित्य य लेखन योजनाओंकि लै उपज छु। य लेखन योजनाओंक बदौलतक कुमाउनीक कयेक लेखारोंल साहित्यक नई बिधाओं में कलम उठा।   अलीबेर (2024) लै हौर सालोंक चारि समिति व ‘पहरू’ पत्रिका द्वारा 09 लेखन योजना चलाई जानई। यों 09 लेखन पुरस्कार योजना यों छन- अरूण कुमार भट्ट स्मृति बाल कहानी लेखन पुरस्कार योजना ‘कलावती साहित्य पुरस्कार ट्रस्ट’ अल्मोड़ा द्वारा दिई मधतल कुमाउनी भाषा में बाल कहानी विधा में लेखन कें बढ़ावा दिनै लिजी ‘अरूण कुमार भट्ट स्मृति बाल कह...

कुमाउनी सिखाने और सँवारने वाली दो महत्वपूर्ण पुस्तकें

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     (यो बीच कुमाउनी में द्वी खाश किताब सामणि ऐ रईं। ' कुमाउनी भाषा'  और ' आओ   कुमाउनी सीखें' ।  यों   दुैवै किताबोंकि समीक्षा करि रै 'पहरू' कुमाउनी पत्रिका उप संपादक  ललित तुलेरा  द्वारा।)   कु माउनी भाषाक ब्याकरण पर कम काम है रौ और यैकै वजैल किताब लै कम देखां भईं। य तरफ कुछेक भाषा बिज्ञानियोंल आपणि कुछेक किताबन में छुटपुट जानकारी दि रै पर कुछेक किताब ब्याकरण पर लेखी रईं। जनूमें डॉ. भवानीदत्त कांडपाल ज्यूक ' कुमाउनी का संस्कृतमूलक व्याकरण, भाषा विज्ञान और साहित्य ',  डाॅ. जगत सिंह बिष्ट ज्यूक ‘ कुमाउनी की अस्कोटी बोली का व्याकरण ’ (2007 ई.), डाॅ. सुरेश पंत ज्यूकि ‘ कुमाउनी क्रियापदों की पड़ताल ’ (2018 ई.), हेमा हर्बोला और योगेश पंत द्वारा 'कुमाउनी पहाड़ी बोली' (2018 ई.), चंद्रशेखर पाठक ज्यूक ' कुमाउनी शब्द संरचना' (2019ई.), पूरन चंद्र कांडपाल ज्यूकि ‘ कुमाउनी भाषाक ब्याकरण ’ (2020 ई.) कुछ खास छन। कुमाउनी ब्याकरणै क्षेत्र में काम करणी बिद्वानों में कुछ खास नाम- डाॅ. भवानी दत्त उप्रेती, डाॅ. केशवदत्त रुवाली, डाॅ. त्...

कुमाउनी भाषा में इस वर्ष की आठ लेखन पुरस्कार योजनाएं

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           कुमाउनी भाषा , साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति   कसारदेवी , अल्मोड़ा व ‘ पहरू ’ कुमाउनी महैनवार पत्रिका द्वारा साल 2010 बटी कुमाउनी भाषा में कुमाउनी साहित्य और भाषा बिकासै लिजी साहित्यकि तमाम बिधाओं में लेखन पुरस्कार योजना चलाई जानई। य लेखन योजनाओंल कुमाउनी में साहित्यकि नई गङ बगै। जां एक तरफ कुमाउनी साहित्य में नई नई बिधाओं में कुमाउनी साहित्य लेखी जै सकौ , तो वांई कुमाउनी में लेखण - पढ़नक लै रिवाज बढ़ौ। नई लेखार लै सामणि आई और कुमाउनी में उरातार साहित्यक बिकास हुनै गो। कुमाउनी में गद्य और पद्य में आज जाधेतर साहित्य य लेखन योजनाओंकि लै उपज छु। य लेखन योजनाओंक बदौलतक कुमाउनीक कयेक लेखारोंल साहित्यक नई बिधाओं में कलम उठा।         य साल (2023) में लै हौर सालोंक चारि कुमाउनी में समिति व ‘ पहरू ’ पत्रिका द्वारा 08 लेखन योजना चलाई जानई। ऊं आठ पुरस्कार योजना य परकार ...