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कुमाउनी भाषा में लेखी किताब और उना्र लेखक

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••• ललित तुलेरा मो.-7055574602           कुमाउनी भाषाक इतिहास भौत पुरा्ण छु। कुमाउनीक लिखित रूप ११०५-०६ ई. बटी शुरू मानी गो । भाषा विद्वानोंक मानण छु कि कुमाउनी संस्कृत अपभ्रंश परंपराकि बोलिक -भाषकि रूप में पैंलिये बै परचलन में छि । ११००-१७०० ईं. तलक कुमाउनी बोलचाल, पत्र-ब्यौहार, और अभिलेखोंक भाषा रै । चंद राजाओंक शासन में कुमाउनी कैं राजभाषा दर्ज मिलौ पर उ बखतकि कुमाउनी और आजकि कुमाउनी में काफी फरक देखिण में ऊं। कुमाउनी बोलि बटी आ्ब भाषाक दर्ज में पूजि गे किलैकि इमें आ्ब अथा साहित्य लेखि हालौ और साहित्यिक तमाम विधाओं में रचना लेखिण रीं ।      कुमाउनीक पैंल कवि लोकरत्न पंत ‘गुमानी'  कैं मानी जां , उनर जनम १७९० ई. में भौछ। कुमाउनी में पैंली सिर्फ कविता लेखी गईं फिर आस्ते-आस्ते चिट्ठी , लेख, कहानी , निबंध समेत आ्ब साहित्यकि तमाम बिधाओं में रचना लेखिणई ।                        कुमाउनी भाषा में ४०० है सकर लेखक ऐलक बखत में लेखणई । कुमाउनी भाषाक ताकतक अंदाज उमें लेखी क...

"कुमगढ़" कुमाउनी गढ़वाली मासिक पत्रिका दगै कसिक जुड़ सकनी

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कुमगढ़  मासिक पत्रिका उत्तराखंडाक कुमाउनी व गढ़वाली भााषाओंकि पत्रिका छु। हल्द्वानी बै निकलणी  य पत्रिका उत्तराखंडाक  कुमाउनी व गढ़वाली भााषाओं क विकास में जुट रै।       ( कुमगढ़ पत्रिका नवंबर दिसंबर २०१६ अंक मुखपृष्ठ) यैक पत्त य परकार छु-      यां दिई नंबरों पर संपर्क करि बेर या चिट््ठी लेखि बेर य पत्रिका दगै जुड़ सकनी।  💐 

"आदलि-कुशलि" कुमाउनी मासिक पत्रिका दगै कसिक जुड़ सकनी

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कुमाउनी भाषा व साहित्य संस्कृति विकास में आदलि-कुशलि कुमाउनी मासिक पत्रिका भल योगदान दिनै। पिथौरागढ़ जिल्ल बै निकलैं।       ( आदलि-कुशलि पत्रिका   २०१९ अंक मुखपृष्ठ )  यैक पत्त य प्रकार छु-      यां देई नंबरों पर संपर्क करि बेर या ई-मेल करि बेर या चिट्ठी भेजि सदस्य बणी जै सकीं।  💐 

"पहरू" कुमाउनी पत्रिका दगै कसिक जुड़ सकनी

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       पहरू   कुमाउनी भाषाक महैनवार छपणी पत्रिका छु। य  कुमाउनी भाषाक नामी पत्रिका छु। कुमाउनी भाषा में छपणी य पत्रिकाक पुर देश में कुमाउनी समाजक बीच में भल शाख छु। आज य पत्रिका में साहित्य क लगभग हर विधाओं में कुमाउनी में रचना छपनी। अल्मोड़ा बै निकलणी कुमाउनी भाषा व साहित्य विकास में यैक महत्वपूर्ण भूमिका रई छु व ऐलक बखत में य कुमाउनी भाषा व साहित्य में खास भूमिका निभूनै।        य  एक पत्रिका ई ना बल्कि एक मुहिम लै छु हमरि दुदबोलि  कुमाउनी भाषा  व संस्कृति कैं बचूणकि और उकैं अघिल बढूणकि। हमरि कुमाऊँ अंचलकि भाषा हमरि दुदबोलि कुमाउनीक बिकासै लिजी ११ सालों बटी पहरू पत्रिका कुमाउनी भाषाक सेवा में वीक साहित्यक भकार भरण में लागि रै। कुमाउनी भाषा में कुमाउनी भाषा प्रेमी व लेखकोंक कठिण मिहनतल आज साहित्यकि हर विधा में रचना हुण रई,  दिन पर दिन हमरि कुमाउनी भाषा तरक्की करनै। आजक दौर में हमूकैं हिंदी, अंग्रेजी भाषा सिखण लै जरूरी छन मगर जो हमरि दुदबोलि व पछ्याण छु- कुमाउनी भाषा, वीक लै हिफाजत दगाड़-दगाड़ै करण चैं। इकैं हमूल आ...

कुमाउनी चिट्ठी - आँशु भरि उनी पढ़बेर

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                 जब फोन नी हुंछी तब चिट्ठी क जमान छि , चिट्ठी लेखि बेर आशल-कुशल ल्हिई जांछी । गौं - घरौं पन तब पढ़ी - लेखी मैंस भौत कम मिलछी यानी चिट्ठी लेखणी व पढ़णी लै कम मैंस छी। जो अनपढ़ हुंछी उ चिट्ठी लेखि मांगछी पढ़ि मांगछी। कुमाउनी प्रेमक चिट्ठी में खाश चीज य हुंछी कि यमें कुमाउनी जोड़ कैं लेखि बेर आपुण दिलकि बात कई जांछी। तब चिट्ठी-पत्री डाक 📮द्वारा भेजी जांछी, डाकियक बड़ इंतजार रूंछी।      घरवाइ द्वारा घरवाव हुं लेखी कुमाउनी चिट्ठी क यसै एक नमुन कुमाउनी साहित्यकार  महेन्द्र ठकुराठी  ज्यू द्वारा लेखी छु। राष्ट्रीय कुमाउनी भाषा सम्मेलन २०१९ में य चिट्ठी लेखण पर उनूकैं 'इन्द्र सिंह रावत स्मृति कुमाउनी प्रेम पत्र लेखन योजना २०१९' में कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति कसारदेवी अल्मोड़ा क ओर बटि पुरस्कार लै मिली छु।  ( पहरू कुमाउनी पत्रिका जनवरी २०२० अंक बै साभार)  कुमाउनी चिट्ठी क लै आपुण भल इतिहास रई छु। कयेक फौजी, शहरों में नौकरी करणी मनखी आपुण खबरबात कुमाउनी भाषा मे...

'श्री पंचमि' क दिन नाक - कान छेड़णक रिवाज

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       बसंत पंचमी त्यार कैं गौं-घरौं पन ' श्री पंचमि ' नामल लै पुकारी जां।  य परबी बसंत ऋतु उणक निशाणि छु। माघ क महैण शुक्ल पक्ष क दिन पुश्तों बै पुर कुमाऊं में य त्यार मनाते उणई। य दिन खेतों बै जौ क हरी पात नानतिन, ज्वान, बुढ़ ख्वार में धरनी और गोरूक गुबर और लाल माट कै सानि बेर द्याव-मोहरिक चौखटों में जौ क हरी पात चिपकूनी व मंदिर में चढूनी। पिङव रङक रूमाव रंङि बेर नानतिनों कैं दिई जां। य दिन बै बैठ होलि क लैै शुरूवात है जैं। क्वे-क्वे इलाकों मेंं सैणी य दिन सुहाग क रक्षा क लिजी बरत लै धरनी।         य शुभ परबी क दिन छ्योड़ियोंक नाक-कान छेड़ण क लै रिवाज हमर कुुुमूं में छु।       य त्यार हिंदू त्यार हुणक वजैल उत्तर- दक्षिण भारत समेत नेपाल, बंग्लादेश व हौर देशों में लै मनाई जां। य परबी विद्या, वाणी क देबि सरस्वती कैं याद करणक लै छु। य दिन माता सरस्वती क पुज करी जैं।        अलीबेर य त्यार १६ पैट माघ क महैैैण( ३० जनवरी २०२०)  हुं छु।  आपूं सबों कैं य शुभ प...

कुमाउनी पत्रिका 'पहरू' कैं मुशीबतक घड़ि में आर्थिक मधत

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                                             ( पहरू जनवरी २०२० अंक मुखपृष्ठ )      पिछाड़ि ११ है सकर सालोंं बै कुमाउनी भाषाक प्रसिद्ध मासिक पत्रिका पहरू द्वारा 'कुमाउनी भाषा विकास' क एक मुहिम जसि चलै रौ। पहरू हर महैैैैण छपि बेर कुमाउनी भाषा साहित्य क भकार भरणक ठुल काम करनौ। पहरू क पास कुमाउनी भाषा में साहित्य तो अथ्था छु मगर जनसहयोगल छपणी यो पत्रिका क पास डबलोंक कमी खलनै अच्यालों य आर्थिक रूपल कमजोर चलि रै। य कमजोरी कैं देखते पहरू में पिछाड़ि कई अंकों में अपील लै छपते उणौछी कि 'पहरू आर्थिक संकट में छु-                पहरू क य अपील कैं पहरू संरक्षक सदस्य कुमाउनी भाषा प्रेमी श्री एच. एन. भंडारी ज्यूल गंभीरताल ल्हे और पहरू कैं आर्थिक संकट बै दूर करणै लिजी २५००० (पच्चीस हजार) रूपैंक मधत करौ। उनर बार में पहरू जनवरी २०२० अंक में छपी य परकार छु-            ...