1985 में छपी ‘कुमाउनी शब्दकोश’ व उबै जुड़ी खाश जानकारी
1985 में छपी कुमाउनी भाषाक शब्दकोश व उबै जुड़ी खाश जानकारी
कुमाउनी भाषा भौत पुराणि छु। कुमाउनी भाषा संस्कृति कैं बचूणकि लिजी भाषा विद्वान और साहित्यक मर्मज्ञ विद्वानोंल भल काम करि रौ । इन विद्वानों में डॉ. त्रिलोचन पांडे, डॉ. नारायण दत्त पालीवाल, डॉ. केशवदत्त रूवाली, डॉ. भवानीदत्त उप्रेती आदिक नाम मुख्य छन। कुमाउनीक लिखित रूप अठारवीं-उनीसवीं सदी बटी मानी जां तब बटी आस्ते -आस्ते सैकड़ों लेखकों द्वारा कुमाउनीक साहित्य में बढ़ोतरी व यैक साहित्यक बिकास होते रौ। 1985 ई. में डॉ. नारायणदत्त पालीवाल ज्यू द्वारा लेखी हिंदी कुमाउनी शब्दकोश सामणि ऐ। यै है पैंली 1983 ई. में डॉ. केशवदत्त रूवाली ज्यू द्वारा लेखी कुमाउनी -हिंदी व्युत्पत्तिकोश प्रकाशित भौछी लेकिन य ग्रंथ बिशेष रूपल शोधार्थियों लिजी उपयोगी छी। यैक हिसाबल डा. नारायणदत्त पालीवाल ज्यू द्वारा लेखी ‘कुमाउनी हिंदी शब्दकोश’ (1985) कुमाउनीक पैंल शब्दकोश मानी जै सकीं। यैक बाद कई कुमाउनी शब्दकोश देखिण में आई।
आवो जाणनू य शब्दकोश बै जुड़ी खाश जानकारी ...
य छु शब्दकोशक मुखपृष्ठ-
उ बखतक शिक्षा मंत्री द्वारा लेखा
शब्दकोश में भूमिका य प्रकार छु-
४१६ पेजों में लेखी शब्दकोशक विषयवस्तु य प्रकार छु-
डॉ. नारायण पालीवाल ज्यूक ग्रंथ में छपी परिचय
कुमाउनी भाषा में यैक बाद •डॉ. केशवदत्त रूवाली - ( कुमाउनी हिंदी शब्दकोश, 1995ई.) •डॉ. शेर सिंह बिष्ट -( हिंदी कुमाउनी अंग्रेज़ी शब्दकोश, 1994 ई. ) •डॉ.कृष्णानंद जोशी -(कुमाउनी शब्द समूह 2001 ई. ) समेत अन्य लेखकों द्वारा कुमाउनी भाषा क शब्दकोश बणूण जस ठुल काम करि बेर कुमाउनी बिकास और अस्तित्व कैं बचूण में अमूल्य लै योगदान दिई गो ।
कुमाउनी भाषा में यैक बाद •डॉ. केशवदत्त रूवाली - ( कुमाउनी हिंदी शब्दकोश, 1995ई.) •डॉ. शेर सिंह बिष्ट -( हिंदी कुमाउनी अंग्रेज़ी शब्दकोश, 1994 ई. ) •डॉ.कृष्णानंद जोशी -(कुमाउनी शब्द समूह 2001 ई. ) समेत अन्य लेखकों द्वारा कुमाउनी भाषा क शब्दकोश बणूण जस ठुल काम करि बेर कुमाउनी बिकास और अस्तित्व कैं बचूण में अमूल्य लै योगदान दिई गो ।
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