५ दिनी औनलाइन कुमाउनी शिक्षण कार्यशाला लौकडाउन में पुर भै
कोरोना महामारीक दौरान लौक-डाउन में लोग-बाग कई किस्मकि चीजों कैं करण रीं, उमें खुदक क्वे शौक हो या क्वे खाश मीटिंग या क्वे कार्यक्रम । उसी तो कोरोना महामारी में क्वे लै यास कार्यक्रम नी करण छन जमें ख़ूब मैंस एकबटिनी मगर यैक लै तोड़ मैंस टैक्नोलौजिक इस्तमाल करि बेर निकालणई। कुमाउनी लिजी एक नई व खाश कार्यक्रम ‘टेक्नो हब: विचारों और नवाचारों का मंच’ क ओर बै ‘कुमाउनी शिक्षण कार्यशाला’ कार्यक्रम करी गो जो १८ बटी २२ मई २०२० तक चलौ ।
य कुमाउनी शिक्षण कार्यशाला ‘गो टू मीटिंग’ वेबसाइड में औनलाइन करी गो। जमें प्रतिभागियोंल आपण-आपण घर में भै बेर भाग ल्हे। य कार्यक्रम रात्ती ११ बाजी बटी दोफरि ०१ बाजी तक करीब द्वि घंटक छी जमें डॉ. दिवा भट्ट (अल्मोड़ा) , श्रीमती कमला पंत (देहरादून), भारती पांडे (देहरादून), डॉ. हयात सिंह रावत (अल्मोड़ा) खास बक्ता छी ।
य पांच दिनी कुमाउनी शिक्षण कार्यशालाक श्रीमती कमला पंत ज्यूल संचालन करौ । श्रीमती भारती पांडे ज्यू कुमाउनी शब्द, कहावत, आण, का्थ आदि तमाम ख़ास चीज़ों पर आपण बिचार धरी , डॉ दिवा भट्ट ज्यूल कुमाउनी संस्कृति रीति-रिवाज आदि मुख्य व जरूरी चीजों पर आपण बिचार धरीं, डॉ. हयात सिंह रावत ज्यूल कुमाउनी भाषा साहित्य समेत कई खाश चीज़ों पर आपुण बिचार य पांच दिनी कार्यशाला में धरीं ।
आंखरी दिन कविता/गीत/का्थ सुणाई-
कार्यशालाक आंखरी दिन २२ मई २०२० हुं मुख्य बक्ताओं समेत हौर करीब १५ प्रतिभागियोंल आपुण कविता ,गीत, आदि सुणाई। कार्यक्रमक और्गेनाइजर सिद्धार्त माधव व श्रीमती कमला पंत ( देहरादून ) छी । कार्यक्रम में हर दिन करीब ३० है सकर कुमाउनी समाजाक लोग मौजूद रईं जमें उत्तराखंड है भ्यार बै मुंबई, गुड़गांव, फ़रीदाबाद आदि व उत्तराखंड में काशीपुर, पिथौरागढ़, चंपावत, अल्मोड़ा आदि जागों बै परतिभागी शामिल रईं। गीता पंत, आशा, डॉ. दुर्गेश पंत, गिरीश पंत, ललित तुलेरा, डॉ. जेसी भट्ट, पुष्पा देवतला, आशुतोष, दीक्षा महरा, हिमानी, डॉ. अशोक पंत, मोहित शर्मा, नलीनी पंत, हिमानी भंडारी, रेखा शर्मा, दीपा चनियाल, दीपक जोशी, दीक्षा मेहरा, डॉ. कीर्ति पंत , गीता पंत, हेमलता, मोहित शर्मा, डॉ. मनोज उप्रेती आदि कुमाउनी प्रेमियोंल य कार्यशाला में शिरकत करै।
कार्यशाला में खाश बात य रै कि य पांच दिनक इदु लंब कार्यशाला औनलाइन करी गो और ७५ साल है सकर उमरदराज लोगोंल लै भाग ल्हे। य कार्यशाला नई व पुराण पीढ़ी सबूंक लिजी एक नई चीज रै जो पैंल बार करी गेछी । यैक याद डिमाग में एक छाप छोड़ि गे ।
टिप्पणियाँ