‘दगड़िया’ रैस्टोरेंट एंड कैफे : रोजगार दगै कुमाउनी भाषा, संस्कृतिक प्रचार



           हमर उत्तराखंड में कई घुमणी व देखीण लैक जा्ग छन, जो पर्यटक स्थल या टूरिस्ट पैलेसक नामल जाणी जानी । अल्मोड़ा जिल्लक दुनीभर में प्रसिद्ध कसारदेवी लै एक टूरिस्ट पैलेस छू यां कयेक होटल व भोजनालय छन जो सैलानियों लिजी बणी हुई छन। इन होटल व रैस्टोरेंटों में एक ‘दगड़िया’ नामक रैस्टोरेंट एंड कैफे लै छु। 
            दगड़िया रैस्टोरेंट एंट कैफे फरवरी २०२० बै भारतेंदु रौतेला ल शुरू करौ। प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएम.जेवाई) द्वारा लै उनूकैं य व्यवसाय में मधत मिलौ। 
              


यां मिलूं कुमाउनी खा्ण

   कुमाउनी खा्ण में यां चुड़काणि, झुंगर भात, झुंगर खीर, पहाड़ाक साग, मंडुव पिसूंवक मडुवा रोल (शाकाहारी, माँसाहारी) आदि कई प्रकारक कुमाउनी खाण बणूनी। 



कुमाउनी भाषा संस्कृति प्रचार करण चानी- 
      भारतेंदु रौतेला बतूनी कि उनूकैं आपणि भाषा संस्यकृति दगै प्यार छु और दगड़ियोंल लै सुझाव दे और आपणि दुदबोलि कुमाउनी भाषाक शब्द दगड़िया नामल रैस्टोरेंट शुरू करौ ताकि भ्याराक लोग लै हमरि कुमाउनी संस्कृति कैं लै जाणौ। उनर बौज्यू लै कुमाउनी भाषा में लेखी करनी। रैस्टोरेंट कैं छजूणक लिजी आस्ते - आस्ते कुमाउनी लोक कला ऐपण डिज़ाइनोंक फोटो लै लगूण चानी। 

होम स्टे तक ल्हि जाण चानी आपण ब्यवसाय- 
       य व्यवसाय कैं ठुल रूप दिणक लिजी आस्ते -आस्ते होम स्टे लिजी लै ऊं कोशिश करण लाग रीं । ऐल आपण दगाड़ में उनूल हौर लोगों कैं लै जोड़ि रौ और उनूकैं लै रोज़गार मिलनौ । 

 दगड़ियां रैस्टोरेंट एंड कैफे प्रकृतिक बीच में छु।कुछ फोटक - 




 दगड़िया रैस्टोरेंट एंड कैफेक मालिक भारतेंदु रौतेला दगाड़ बौं बटी- महेन्द्र ठकुराठी ( प्रबंध संपादक- पहरू  ) , डॉ. हयात सिंह रावत ( संपादक - पहरू ) , भारतेंदु रौतेला , ललित तुलेरा ( उप संपादक - पहरू) , जमन सिंह बिष्ट (वक़ील) । 

       दगड़िया रेस्टोरेंट एंड कैफे बै हिमालय भौत सुंदर दृश्य दिखाई द्यूं - 
 

०००

भारतेंदु रौतेला
( मालिक - दगड़िया  रेस्टोरेंट एंड कैफे ) 
मो. - 7452814851
(भारतेंदु रौतेला कसारदेवी अल्माड़क निवासी छन , उनूल दर्जा १२  तक पढ़ाई करै वीक बाद उनूल होटल में काम करौ, खाण बणूण सिखौ ऐल ऊं य क्षेत्र में खुदक ‘दगड़िया’ रैस्टोरेंट व कैफेक मालिक छन । कुमाउनी भाषा संस्कृति दगै लगाव हुणा वजैल ऊं आपण बवसाय कैं कुमाउनी भाषा संस्कृति दगै जोड़ण पसंद करनी । ) 


प्रस्तुति - ललित तुलेरा
मो.- 7055574602  

पोस्ट बै जुड़ी आपुण बिचार तलि कमेंट करिया । 

टिप्पणियाँ

Unknown ने कहा…
बहुत-बहुत बधाई यो नेक काम लिजी।
हरीश मेहता ने कहा…
बहुत सुंदर काम करणछा आफूं
यो नेक काम लिजी तुमुंकैं बहुत-बहुत बधाई।

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