शगुनऑंखर गै बेर करी गो तीन दिनी ‘कुमाउनी भाषा सम्मेलन २०२०’ शुरू





पैंल दिन - 
अल्मोड़ा।
शारदे माता!  दि दे भागी य वरदाना ओ माता शारदे । 
वीणा वादिनी माता !  दिदे भागी य वरदाना ओ वीणावादिनी।।

      य वंदना और शगुनऑंखर गीत लोक कला केन्द्र अल्मोड़ाक कलाकार लता पांडे, बिमला बोरा, शीला पंत द्वारा गै बेर व मुख्य अतिथिल दी जगै बेर बारूं ‘कुमाउनी भाषा सम्मेलन २०२०’  गोविंद बल्लभ पंत राजकीय संग्रहालय, अल्मोड़ा सभागार में शुरवात करै। य सम्मेलन कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति कसारदेवी अल्मोड़ा व ‘पहरू’ कुमाउनी मासिक पत्रिका ओर बटी उरयाई गो। आज तलक समिति व पत्रिका द्वारा राष्ट्रीय स्तरा्क इग्यार सम्मेलन उरयाई जै चुकि गई। समिति द्वारा यों सम्मेलनोंक आयोजन 2010 बटी शुरू करी गेईं । 
    अलीबेर सम्मेलनक शुरूवात कोविड -19 महामारीक वजैल कोविड नियमोंक पालन करते हुए ना्न रूप में करी गो। 



      सम्मेलन में मुख्य वक्ता कुमाउनी साहित्यकार मोहन जोशी (गरूड़) ज्यूल कौ कि कुमाउनी भाषा में अनुवादक काम भौत हुण लागि रौ। आज कुमाउनी में ‘रामायण’, ‘महाभारत’ समेत ‘कामायनी’ जा्स कालजयी ग्रंथोंक कुमाउनी में अनुवाद मौजूद छु और कुमाउनी साहित्य बिकासै लिजी कुमाउनी में अनुवाद करी जाण जरूरी छु। सम्मेलनकि अध्यक्षता करते हुए बालप्रहरी संपादक उदय किरौला ज्यूल कौ कि कुमाउनीक बिकासै लिजी हमूकैं घर- परवार में लै कुमाउनी में बुलोंल, नानतिनांकैं कुमाउनी सिखौंल व जादे है जाधे साहित्य लेखूंल।  कार्यक्रमक संचालन करते हुए ‘पहरू’ पत्रिका संपादक डॉ. हयात सिंह रावत ज्यूल कौ कि कुमाउनी भाषा बिकासै लिजी हमार रचनाकारों कैं साहित्य सृजन में भौत काम करण पड़ल, सरकार भाषा बिकासै लिजी आज तलक उदासीन रै और कौ कि कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति व ‘पहरू’ पत्रिका भाषा बिकासै लिजी उरातार काम करनै और बिन सरकारि मधतल लै काम करते रौलि, चाहे उनूकैं क्वे सरकारि मधत मिलो या नि मिलो। 



पैंल दिना्क सम्मान-
      सम्मेलन में पैंल दिन द्वी सम्मान दिई गेईं । कुमाउनी अनुवादक श्री त्रिलोक सिंह सतवाल कैं ‘के. एन. जोशी स्मृति कुमाउनी अनुवाद लेखन पुरस्कार’ श्री नवीन जोशी कैं ‘पान सिंह चम्याल स्मृति कुमाउनी भाषा सेवी सम्मान’ ल सम्मानित करी गो । 

पैंल दिना्क पुरस्कार- 
          सम्मेलन में पैंल दिन द्वी कुमाउनी रचनाकार पुरस्कृत भईं। डॉ. पवनेश ठकुराठी कैं ‘गंगा मेहता स्मृति कुमाउनी कविता पुरस्कार’ व श्री कृपाल सिंह शीला कैं ‘बचुली देवी स्मृति कुमाउनी इंटरव्यू लेखन पुरस्कार’ दिई गो।

     तीन दिनी य सम्मेलन में पैंल दिन प्रो. सुंदर सिंह पथनी, आनंद सिंह बगड्वाल, गोपाल चम्याल, लता पांडे, आनन्द बल्लभ जोशी ल आपणि बात धरीं। य मौक पर महेन्द्र ठकुराठी, ललित तुलेरा, शशि शेखर जोशी, सुंदर सिंह सतवाल, पूरन चंद्र पांडे, गिरीश चंद्र पंतोला, गीता महरा, किशन जोशी, सुरेन्द्र सिंह, रूप सिंह बिष्ट, गिरीश चंद्र मल्होत्रा, दयाकृष्ण कांडपाल, राजेश अधिकारी चंजद्रमणी भट्ट, नरेन्द्र नाथ, हेमलता कबड्वाल, प्रताप सिंह सत्याल समेत कई भाषा प्रेमी मौजूद छी । 

सम्मेलनक झलक फोटकों में -



(पैंल दिन सम्मेलन में मंचासीन बौं बटि - आनंदबल्ल्भ जोशी, आनंद सिंह बगड्वाल, उदय किरौला, डॉ. सुंदर सिंह पथनी )


(कुमाउनी भाषा सम्मेलन २०२० में शगुनऑंखर व वंदना गाते बौं बटि- बिमला बोरा, लता पांडे, शीला पंत) 


 (सम्मेलन में सम्मानित होते नवीन जोशी) 


 ( सम्मेलनक संचालन करते ‘पहरू’ संपादक डा. हयात सिंह रावत) 


 (सम्मेलन में आपणि बात धरते लोकगायक गोपाल सिंह चम्याल) 


 (सम्मेलन में पुरस्कार पाते डॉ. पवनेश ठकुराठी) 


 (सम्मेलन में पुरस्कार पाते कृपाल सिंह शीला) 


(सम्मेलन में प्रतिभागी कैं स्मृति चिन्ह भेट करती गीता मेहरा) 


(सम्मेलन में आपणि अध्यक्षीय बात धरते हुए व पैंल दिनक समापन करते ‘बालप्रहरी’ संपादक  उदय किरौला)  
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