कुमाउनी भाषा कैं छु श्रेष्ठ आलोचकोंकि जरवत : डॉ. भोज





दुसर दिन 
अल्मोड़ा।
मायेड़ी! दे तू वरदान
ला्ट- का्ल कैं स्वर दे 
निर्बल कैं दे तू तराण । 
मायेड़ी! दे तू वरदान। 

    बेई बटी सांस्कृतिक नगरी अल्माड़ में गोविंद बल्लभ पंत राजकीय संग्रहालय में चलण लागी बारूं ‘कुमाउनी भाषा सम्मेलन’ क रंगकर्मी व साहित्यकार नवीन बिष्ट ल वंदना गै बेर व मुख्य अतिथिल दी जगै बेर सम्मेलनकि दुसर दिनकि शुरवात करै। सम्मेलन में दुसर दिन लै कोविड -19 महामारीक नियमोंक पालन करते हुए कार्यक्रम भईं । 


(सम्मेलन में वंदना गाते नवीन बिष्ट)

      मुख्य वक्ता कुमाउनी साहित्यकार शिक्षक व आलोचक डॉ. कपिलेश भोज ज्यूल कौ कि जब तलक हमरि सरकार व हमा्र शिक्षण संस्थान कुमाउनी भाषाक बिकासै लिजी अघिल नि ऊंन तब तलक कुमाउनी भाषाक बिकास नि है सकन। हमरि सरकार हमरि इस्कूलों, विश्वविद्यालयों कैं य दिश में जल्दी है जल्दी काम करणकि जरवत छु। उनूंल कौ कि हिंदीक बिकास में जो योगदान ‘सरस्वती’ मासिक पत्रिकाल दे ऐलक बखत में कुमाउनी भाषा कैं वी योगदान ‘पहरू’ मासिक पत्रिका दिणै। ‘पहरू’ पत्रिकाक प्रयासोंलै आज कुमाउनी में 800 है जाधे रचनाकार लेखन करणई, और कौ कि आज कुमाउनी कैं श्रेष्ठ आलोचकोंकि जरवत छु। युवा लेखकों कैं आलोचनाक क्षेत्र में अघिल ऊण हैं आह्वान करौ। हमरि जनता और सरकार कैं कुमाउनीक बिकास में मिलबेर काम करणकि जरवत छु। 
  मुख्य अतिथि सोबन सिंह जीना अल्विमोड़ा विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. नरेन्द्र भंडारी ल आपणि बात धरते हुए कौ कि कुमाउनीक बिकास में प्राथमिक स्तर बटी काम करणकि जरवत छु, और उपस्थित सबै लोगों कैं बिश्वास दिला कि सोबन सिंह जीना अल्मोड़ा विश्वविद्यालय में ऊं कुमाउनी भाषाक पढ़न- लेखन में शिक्षकोंक नियुक्तिक प्रयास करा्ल।
       यैक अलावा के.पी. एस. अधिकारी, नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, नवीन जोशी, आनंद सिंह बगड्वालल आपणि बात धरीं सम्मेलनकि अध्यक्षता साहित्यकार महंत त्रिभुवन गिरी महाराज ज्यूल करै।  संचालन ‘पहरू’ संपादक डॉ. हयात सिंह रावत ल करौ। 
दुसार दिना्क सम्मान-
      सम्मेलन में दुसर दिन द्वी सम्मान दिई गेईं । कुमाउनी साहित्यकार श्री आनंद सिंह बगड्वाल कैं ‘बहादुर बनौला स्मृति कुमाउनी साहित्य सेवी सम्मान ’  कुमाउनी साहित्यकार श्री नवीन बिष्ट  कैं ‘गंगा अधिकारी स्मृति नाटक लेखन पुरस्कार २०२०’ ल सम्मानित करी गो । 

दुसार दिना्क पुरस्कार- 
          सम्मेलन में दुसर दिन द्वी कुमाउनी रचनाकार पुरस्कृत भईं। डॉ. पवनेश ठकुराठी कैं ‘भारतेंदु निर्मल जोशी कुमाउनी   समालोचना लेखन पुरस्कार’ व ललित तुलेरा कैं ‘गोविंद सिंह बिष्ट स्मृति कुमाउनी फिलम समीक्षा लेखन पुरस्कार’ दिई गो।

     तीन दिनी य सम्मेलन में दुसर दिन महेन्द्र ठकुराठी, शशि शेखर जोशी, ललिता बिष्ट, रूप सिंह बिष्ट, गिरीश चंद्र मल्होत्रा, शिवराज बनौला, डॉ. संजीव आर्या, नीलम नेगी, दिगविजय सिंह बिष्ट, प्रमोद जोशी, चंदन नेगी, राजेन्द्र रावत, डॉ. चंद्र प्रकाश फुलोरिया, भास्कर भौंर्याल, शंकर दत्त पांडे, जे सी. दुर्गापाल, मीनू  जोशी, नवीन चंद्र पाठक, डॉ. ललित जलाल, तफज्जुल खान, आनंद बल्लभ लोहनी, दयानंद कठैत, डॉ. धाराबल्लभ पांडे, प्रताप सिंह सत्याल समेत कई भाषा प्रेमी मौजूद छी । 

सम्मेलनकि दुसर दिनकि झलक फोटकों में -



( सम्मेलनक संचालन करते ‘पहरू’ संपादक डा. हयात सिंह रावत) 


(दुसर दिन सम्मेलन में मंचासीन बौं बटि - प्रकाश चंद्र जोशी अध्यक्ष नगरपालिका), प्रो. नरेन्द्र भंडारी ( कुलपति अल्मोड़ा विश्वविद्यालय ),त्रिभुवन गिरी, के.पी.एस. अधिकारी)


 (सम्मेलन में सम्मानित होते साहित्यकार आनंद सिंह बगड्वाल) 


 (सम्मेलन में आपणि बात धरते डॉ. कपिलेश भोज) 


 (सम्मेलन में सम्मानित होते कुमाउनी रचनाकार नवीन बिष्ट) 



 (सम्मेलन में आपणि बात धरते एसएसजे विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. नरेन्द्र भंडारी)



 (सम्मेलन में पुरस्कार पाते कुमाउनी रचनाकार ललित तुलेरा) 


(सम्मेलन में पुरस्कार पाते कुमाउनी रचनाकार डॉ. पवनेश ठकुराठी ) 


(सम्मेलन में कुलपति कैं आपणि नाटककि किताब ‘बिरत्वाई’ भेट करते नवीन बिष्ट) 


(सम्मेलन में के. पी एस. अधिकारी कैं आपणि नाटककि किताब ‘बिरत्वाई’ भेट करते नवीन बिष्ट) 
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