उत्तराखंडकि झांकी कैं मिलौ तिसर पुरस्कार

     
  २६ जनवरी २०२१ हुं ७२ ऊं गणतंत्र दिवसक मौक पर राजधानी दिल्ली क राजपथ में हुणी परेड में य साल उत्तराखंडकि झांकी कैं तिसर पुरस्कार मिलौ। परेड में अलीबेर ३२ झांकी शामिल छी। १७ झांकी राज्य और केन्द्रशासित प्रदेशोंक छी, जनूमें उत्तराखंडकि झांकी कैं तिसर पुरस्कार मिलौ। पैंल पुरस्कार उत्तर प्रदेश व दुसर पुरस्कार त्रिपुरा  झांकी कैं मिलौ। उत्तराखंडकि झांकी में राज्य पशु कस्तूरी मृग, राज्य पक्षी मोनाल, प्रसिद्ध केदारनाथ धाम, आदिगुरू शंकराचार्य, कलाकार, संत, जोगि खाश छी दगड़ै झांकी दगै आठ कलाकार उत्तराखंडकि बेशभूषा में नाच करण राछी। केदारनाथ मंदिर और वीक आसपासक पुर इलाक २०१३ में आई बिनाशकारी आपदाल बिखरि गोछी जकैं पछां नए टुक बै तैय्यार करी गोछी। 



           उत्तराखंडकि झांकी में हल्द्वाणिक ‘आंचल कला केन्द्र’क ११ कलाकार शामिल छी जनूमें ४ छात्र एम.बी.पी.जी. कॉलेज हल्द्ववाणिक छी। बुधबारक दिन देर रात केन्द्रीय युवा मामले और खेल मंत्री किरण रिजिजू ल उत्तराखंडाक कलाकारों कैं सम्मानित करौ। य जाणण लैक छु कि परेड में शामिल झांकियोंक पुरस्कारै लिजी  चयन उनर प्रदर्शन, दर्शकोंक रुझान, उनर संगीत और कलाकारोंक प्रस्तुति आदि आधार पर करी जां। 

टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट

कुमाउनी जनगीत : उत्तराखंड मेरी मातृभूमि , मातृभूमी मेरी पितृभूमि

अमेरिका में भी उत्तराखंड की ‘ऐपण कला’ बनाती हैं डॉ. चन्दा पन्त त्रिवेदी

बिहार की विश्वप्रसिद्ध ‘मधुबनी’ पेंटिंग के साथ उत्तराखंड की ‘ऐपण’ कला को नया आयाम दे रही हैं जया डौर्बी

कुमाउनी शगुनआँखर गीत

कुमाउनी भाषा में इस वर्ष की आठ लेखन पुरस्कार योजनाएं

कुमाउनी भाषा में लेखी किताब और उना्र लेखक

खसकुरा (पुरानी पहाड़ी) शब्दकोश : 'यूनेस्को' से सहायता प्राप्त कुमाउनी शब्दकोश

सुमित्रानंदन पंत ज्यूकि 1938 में छपी कुमाउनी कबिता ‘बुरूंश’

दूर गौं में रूणी हेमा जोशी कि ऐपण कला

‘मीनाकृति: द ऐपण प्रोजेक्ट’ द्वारा ऐपण कला कैं नईं पछयाण दिणै मीनाक्षी खाती