कुमाउनी यात्रा बृतांत - लंदन जस मैंल देखौ- डॉ. मनोहर जोशी
डॉ. मनोहर चंद्र जोशी
मल्ली बमौरी, हल्द्वानी,
मो.- 7579232500
जीवन में कभै-कभै यसि घटना लै घटित है जैं जैक बार में हमूकें पैंली के पत्त नि हुन। मैंल लै कभै यो नैं सोच राखौछी कि मैं लै कभै बिदेशकि यात्रा करूंल। हमर च्यल लंदन में एक कंपनी में काम करों। उ आपणि घरवालिक दगाड़ लंदनाक हैटफील्ड नामक जाग में रौं। वील हमूथें आपण पासपोट बणौनै लिजी जोर करौ, तब मैंल और मेरि घरवाइ ल आपण पासपोट बणै ल्हि। पासपोट आइया बाद वील हमर लंदन क बीजा लै बणै दी और हमूथें कौन लाग कि लंदन औनकि तैयारी करौ। फिर एक दिन वील म्यर और मेरि घरवाइ द्वियां कै लंदनक टिकट भेजि दे।
तारीख 05 अप्रैल 2019 हुं हम दुवै हल्द्वानि बै संपर्क क्रांति रेलल दिल्ली हुं रवान है गयां, उ रात हम आपण चेलि क यां नोएडा में रयां। अघिल दिन 06 अपै्रल 2019 हुं हमरि लंदन यात्रा शुरू हैगै। हम ब्याव कै साड़े नौ बाजी नई दिल्लीक इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डक टर्मिनल 3 में पुजि गयां। हवाई अड्ड में गेट थें आपण-आपण पासपोट देखै बेर हम भितेर पुजि गयां। हवाई अड्ड में औनेर-जानेर जहाजोंकि सूचना देखनै लिजी तमाम ठुल-ठुल स्क्रीन लागी छी लोग उनूमें देखि बेर आपण -आपण काउंटरों में जान लागि रौछी। फिरि आपण समान कें मशीन में जांच करै बेर हम एयर इंडियाक काउंटर थें लाइन में ठाड़ है गयां। थ्वाड़ देर में हमर नंबर ऐगे। तब हमार टिकट देखि बेर हमूकें बोर्डिग पास मिलि गै, जमंे लंदन जानेर वाल जहाजक नंबर और गेट नंबर (22) लेखी छी। हमर समान कें तोलि बेर अघिल कै भेजि दे और बता कि आब यो समान लंदन जैबेर मिलि जाल। य बाद हमूल इंडियन पासपोटाक काउंटर में जैबेर इमीग्रेसन ;बिदेश जानै लिजी अनुमति ल्हिनद्ध करा और आपण पासपोटों ;बीजाद्ध में मुहर लगवै बेर हम सिक्योरिटी चैक करौनै लिजी अलग-अलग लाइनों में ठाड़ है गयां। यो काउंटरों में खूब लंबी-लंबी लाइन लागि रैछि। थ्वाड़ देर में हमर नंबर ऐगै तब मशीन लगै बेर हमरि जांच करी गै और हमूकें अघिल कै भेजि दि। फिरि हम आपण गेटा तरफ हुं गयां। भौत लम-चैड़ हवाई अड्ड छु यो। य भितेर खूब दुकान लागी छन। खूब साफ-सफाई छु यो हवाई अड्ड भितेर। थ्वाड़ देर में देखन-देखनै हम आपण गेट (22) थें पुजि गयां, जांबै हमर जहाज जानेर वाल छी।
गेट में लागी स्क्रीन में एयर इंडिया ए.आई.0161 दिल्ली-लंदन (हीथ्रो) लेखी छी। गेट थें हमार टिकटों कें देखि बेर उनूमें मुहर लगै और हमूकें जहाज में बैठनै लिजी भितेर कै भेजि दे। जहाज भितेर पुजि बेर हम आपणि- आपणि सीट में भैटि गयां। रात ढाई बाजी हमर जहाज उड़न फैगै। यो यात्राक बीच-बीच में जहाज में नाश्ता-पाणि, चहा, खाण सब मिलौ। तारीख 07 अपै्रल 2019 हुं हम लंदनाक बखता अनुसार रत्तै क साड़े सात बाजी लंदन में हीथ्रो हवाई अड्ड टर्मिनल 2 में उतरि गयां। लंदनक बखत हमार भारतीय बखत है साड़े चार घंट पछिल चलौं। यो यात्रा में हमूकें करीब साड़े नौ घंट लागी। हीथ्रो हवाई अड्ड में पुजनाक बाद हमूल वांक इमीगे्रसनकि कारवाई पुरि करै, फिरि आपण समान ल्हिबेर हम हवाई अड्ड बै भ्यार निकइ बेर आपण ठिकाण हुं गयां। हवाई अड्डक भ्यार बै हमर च्यल हमूकैं ल्हिनै लिजी ऐ रौछी फिरि हम वीक दगाड़ करीब डेड़ घंट टैक्सी में चलते-चलते लंदन कैं देखन-देखनै हैटफील्ड नामक जाग थैं वीक ड्यार में पुजि गयां।
लंदन में लोगोंक रौनेर जादातर मकान हमरि यां चारि लेंटर वाल बणी न्हांतन बल्कि टीनकि छत वाल बणी छन। कांई पुरा्ण मकानोंकि छतों में खपरैल लै लागी छन। मकानोंकि ऊंचाई लै जादा नि हुनि। मकानोंक खिड़कियों में जालि और ग्रिल लै लागी हुई नैं देखीन। दरवाजों और खिड़कियों में सिस लागी छन। बरसातक पाणी निकासी लिजी हर मकान में पतनाल लागी छन जो कि जमीन भितेर ठुल-ठुल चैम्बरों में मिलाई छन। घरोंक पाणि कें लै पाइपों द्वारा जमीन भितेर इनी चैम्बरों में डालि राखौ। चैम्बरों में नंबर लै पड़ी छन। सीवर वाल चैम्बर अलग ढंगाक और पाणि वाल अलग छन। बारिसाक दिनै यांकि सड़कों में पाणि देखीं और दिनों यां सड़कों में कत्ती लै पाणि नैं देखीन। भौत साफ-सुथरी सड़क यांकि छन। सड़कोंकि सफाई मशीनोंल करी जैं। मशीनोंक तलि बै गोल चक्र जास बुरूस लागि रौनी जो कि सड़क में घुमि बेर किनारों में जमी माट, घा-पात कें साफ करि दिनी फिरि उई मशीन में लागी एक पाइपल उ सब कुड़-करकट कें खेंचि बेर मशीन में जाम करि ल्हिनी। सड़कोंक दुवै तरफ पैदल चलनेर और साइकिल वालों लिजी लै अलग सड़क बणी छन। यो सड़कों में केवल पैदल और साइकिल वालै चलि सकनी। इनूमें गाड़ि ठाड़ि लै नि करि सकन। भौत भलि ब्यवस्था पैदल चलनेर वालोंक लिजी यां बणी छु किलैकी यां जादातर लोग पैदल घुमन भल माननी। सड़कोंक किनार सुंदर फूल और हरी घा लागै री। पेड़-पोंधों कें कटिङ करि बेर सुंदर बणै राखनी। पैदल सड़कों किनार जाग-जाग में कूड़ादान लागी छन। जब क्वे लोग आपण पालतू कुकुर कें घुमूनी और रस्त में उ गंदगी करों तो आपन दगाड़ धरी थैल में उ गंदगी उठै बेर लोग उकैं कुड़दान में डालि जानी। मैं यो देखि बेर भौत परभावित भयों। यां सब लोग सफाइक भौत ध्यान धरनी और क्वे लै रस्तों में कुड़ और गंदगी नैं खेड़न। हर घरक अघिल बै द्वि ठुल-ठुल कूड़ादान रखी रौनी ;एक में गिल और एक में सुक कुड़द्ध जनूमें उ मकानक नंबर लै लिखी रौं। दुसार या तिसार दिन कुड़ उठौनेर वालि गाड़ि ऐं और कूड़ादानों कें गाड़ि में लागी लीबर द्वारा उठै बेर खालि करि लिजें। बिजली, टेलीफोन, कैबिल इनार क्वे लै तार लटकते नैं देखीन, सब जमीन भितेर (अंडर ग्राउंड) छन।
लंदन में ठंड भौत हुंछ यो कारण मकानोंकि ऊंचाई कम हैं और हवादार मकान नैं बणाई जान। घरोंक भितेर गरम करनै लिजी ठुल-ठुल हीटर लागि रौनी जो कि गैस या बिजुलि द्वारा चलनी। घरों में गरम पाणिकि बिशेष ब्यवस्था रैंछ। जादातर घरों में बालकनी लै नैं बणी छी, जो बणी लै छी उ बालकनी सड़ककि तरफ हुं नैं हुनि। यो कारण लोग आपण लुकुड़ों कें घरोंक भितेरै हीटरों में सुकौनी। बाथरूमों में जादातर बाथटब लागि रौनी। सबसे तली मकानों (ग्राउंड फ्लोर) आपण घरोंक अघिल बै खूब सुंदर गार्डन बणै राखनी। सड़कों में चलनेर गाड़ि वाल यां हौर्न बजाते हुए नंै सुणीन। अघिल बढ़नकि होड़ यांक डराइबरों में नि देखीन। कुल मिलै बेर यो देखन में आ कि यांक लोग खुदै सभ्य और समझदार छन। यांक लोग स्वावलंबी छन। आपण घरक सारै काम आफी करनी। घरों में भितेरकि साफ-सफाई, बगिच में फूल-पोंधोंकि कटिङ और छ्वाट- म्वाट काम जादातर लोग आफी करते देखीनी।
लंदन में यातायातकि भलि ब्यवस्था छु। औन-जानै लिजी काफी साधन यां मिलि जानी। टैक्सी, कैब, सिटीबस, डबल डेकर बस, ट्राम, ट्रेन, मैट्रो, अंडरग्राउंड ट्रेन यां हर बखत उपलब्ध रौनी। अंडरग्राउंड ट्रेन थें यां ट्यूब रेल कई जां। यां दुनियक सबनहै पैंल अंडरग्राउंड रेल नैटवर्क छु जो कि 10 जनवरी 1863 क दिन बै चलन शुरू भै। यो ट्यूब रेल करीब 4000 कि.मी. लंबी दूरी तय करें जमें 270 स्टेशन छन और 11 ट्यूब लाइन छन जनूमें करीब 4100 ट्यूब रेल दौड़नी। यो अंडरग्राउंड रेल लंदनक मैट्रोपोलिटन एरिया यानी कि मध्य लंदन एरिया में चलनी। इनूमें भौत जादा भीड़ हर बखत रैं। जमीन भितेर करीब 50- 60 मीटर तलि खोदि बेर स्वचालित सिड़ियों द्वारा इनर पलेटफौरम तक आई- जाई जां। पलेटफारम थें पुजि बेर लाइटोंक चमचमाट और लोगोंकि यतुक भीड़- भाड कें देखि बेर यो अंदाजै नि औन कि हम जमीन बै यतुक तलि ठाड़ है रयां। यो ट्रेन भौत तेज दौड़नी लंदन मैट्रो में इस्कूली नानातिनों, बुजुर्गों, नान बच्चों लिजी किराय में छूट लै मिलें। यो ट्यूब रेलों में यात्रा करन में एक नई अनुभव और भौत आनंद प्राप्त भौ।
लंदन में हम करीब द्वि महैण तक रयां और वां हमूल लंदन आइ, टावर आफ लंदन, रीभर कू्रज, टावर ब्रिज, विडसर कैसिल, रोमन बाथ, स्टोन ऐज, मैडम तुसाद म्यूजियम, ब्रिटिश म्यूजियम, बंकिंघम पैलेस, बिग बेन, औक्सफोल्ड स्ट्रीट यो भौत जागों और यांकि बजारों कें देखौ। लंदनाक आसपासाक पर्यटन जागों कें देखौनै लिजी टूरिस्ट बस उपलब्ध रौनी जनरि औनलाइन बुकिंग करी जै सकीं। इन बसों में गाइड लै उपलब्ध रौनी जो कि उ जागक बार में सारि जानकारी बताते रौनी।
लंदन आई थें मिलेनियम ह्वील लै कई जां, जो कि लंदन में टेम्स नदीक दक्षिणी किनार में बणी छु। यो लंदनक मुख्य आकर्षण केंद्र छु, जो कि एक कैंटीलीवर अवलोकन पही ;घुमनेर गोल पहियाद्ध रूप में बणी छु। यो करीब 135 मीटर लंब एक भौत उच्च गोल चक्रनुमा बणी हुई छु, यैक गोल पहियक ब्यास करीब 120 मीटर छु। जब यो सन 2000 में तैयार हैबेर जनता लिजी खोली गौ तो यो दुनियक सबनहै लंब फैरिस ह्वील कई गौ। यो फैरिस ह्वील में 32 बंद और वातानुकूलित कैबिन (यात्री कैप्सूल या कोरोनेशन कैप्सूल) लागी छन। एक कैबिन में करीब 25 जाणि बैठि सकनी। लोग इन कैबिनों में ठाड़ हैबेर लै भ्यारक नजारा देखि सकनी। यो सब कैबिन कांचल बंद करी छन। जब लोग यो कैबिनों में भैटि जानी तब यो सब कैबिन माठू-माठ कै गोल घुमन लागि जानी और तब यां बै लंदनक भौत सुंदर नजारा देखीं। लंदनकि उच्च-उच्च इमारत, पुल और वीक नजीक में बगनेर नदी, वी में चलनेर पाणिक जहाज भौत सुंदर देखीनी। यो जाग बै लंदन क सुंदर दृश्य देखीं, योई कारण यैक नाम लंदन आई धरि राखौ।
लंदन आई क पास में रीभर क्रूज बणी छु जमंे क्रुज (मोटर बोट) चलनी। इन मोटर बोटों में भैटि बेर लोग टेम्स नदी में खूब सैर करनी। यो नदी में भौत ठुल-ठुल क्रूज पाणि में यथकै-उथकै आते-जाते रौनी। इन कू्रजों में एक बारि में करीब 150 है 200 जाणि भैटि बेर घुमनक आनंद ल्हि सकनी। इनूमें क्वे डिनर क्रूज लै चलनी जनूमें संगीत लै सुणाई जां, खा्ण-पिण लै मिलौं और गाइड चलते-चलते सब जागों कि जानकारी लै दिनी। इनूमें भैटि बेर सैर करन में उ झीलाक किनार-किनारै लागी पेड़-पौंध, उच्ची-उच्ची इमारत भौत भाल और आकर्षक देखीनी। झीलक पाणि भौत साफ देखी। यो पुरि झील कें एक फ्यार घुमन में करीब एक घंट है सकर बखत लागि जां।
टावर ब्रिज लंदनक प्रसिद्ध बैस्क्यूल या सस्पेंशन पुल छु। बैसक्यूल पुलक यो मतलब छु कि यस पुल जो कि पाणी जहाजोंक औन-जानै लिजी खुलि जां और फिरि जुड़ि जां। यास पुल गतिशील पुल कई जानी। यो पुल यांकि सांस्कृतिक धरौट लै छु। लंदन टावराक नजीक हुनाक कारण येथें टावर ब्रिज कई जां। यो पुलकि लंबाई 244 मीटर (801 फिट) छु। यो पुल 30 जून 1984 दिन बै यातायातै लिजी खोली गो। यो पुल जब बीच बै अलग हैबेर मलि हुं उठि जां तो देखि बेर विश्वासै जै नि हुन कि यस लै है सकौं। पुलाक द्वियै तरफ बै मजबूत गेट बणी हुई छन। जब यो पुल कें जहाजों कें निकालना लिजी बीच बै उठाई जां उ बखत यो द्विए गेट बंद करि बेर पुल में चलनेर यातायात कें रोक दी जां। जब जहाज पुल पार करि बेर यथकै- उथकै निकलि जानी तब पुल कें फिरि जोड़ि बेर यातायातै लिजी खोलि दी जां। राता क बखत यो पुल में लागी हुई रंग-बिरंगी रोशनी यो पुलकि खुबसूरती कें और लै बढ़ै दी।
विंड्सर कासिल या विंडसर किला भौत मजबूत पत्थरों द्वारा बणी हुई एक शाही रिहायसी किला छु जमंे ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ द्वितीय आपण छुट्टियों में निवास करें। लंदन में बणी हुई बंकिंघम पैलेस और यो विंडसर कासिल द्विए आलीशान और ऐतिहासिक भवन ब्रिटिश राज परिवाराक अधीन छन। यो किला थेम्स नदी किनार में बणी हुई छु जमें तीन उच्च-उच्च मीनार और बीच में एक गोलाकार छत्रनुमा भवन छन, जनार भ्यार बै ढुङोंल (पत्थर) मजबूत घेराबंदी करि राखै। किला में बणी भवनोंक कमरों में राजा-रानिक कक्षों कें और उनरि सारि पुराणि चीजों कें भौत सुंदर ढ़ङल सजै राखौ।
रोमन बाथ लै यांक एक भौत आकर्षक स्थल छु जो कि 5 स्ट्रेंड लेन लंदन में बणी छु। यां बणी गैरि झील में पाणि हरी रङक देखीं। यो बताई जां कि रोमन लोगोंल यो जाग आपण नानै लिजी बणै। यो कारण येथें रोमन बाथ कई जां। यांक पाणि नमकीन और गुनगुन छु और एक जाग में भितेर गरमपाणि क श्रोत लै बगते रों।
लंदन में बिल्टशायर काउंटी में एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक जाग छु जैक नाम स्टोन ऐज कई जां। एक लंब-चौड़ खुली घासक मैदान में 50-60 है जादा ठुल-ठुल पाथरों कें जाम करी रौ। यों शिलाओं कें ब्यवस्थित ढ़ङल गोलाकार में ठाड़ करि राखौ। यो शिलाखंड 8-10 फुट बै करीब 25-30 फुट है लै उच्च और म्वाट छन। इनूकें देखि बेर यो साफ पत्त चलों कि यो शिलाखंड जोड़ी हुई न्हांतन बल्कि सब अलग-अलग छन। यतार ठुल शिलाखंड कांबै और कसिक यो जाग थें ऐ हुन्याल यो बार में क्वे जानकारी यो जाग में नि दि राखि।
मैडम तुसाद संग्रहालय लै लंदन में भौत प्रसिद्ध छु जैकें देखनै लिजी लोगोंकि खूब भीड़ लागि रैं। यो संग्रहालय लंदनकि मैरिलेबोन रोड में बणी हुई छु जो कि मोम कि मूर्तियोंक संग्रहालय छु जैकें सन 1835 में मोम शिल्पकार मेरी तुसाद ल स्थापित करौ। यो म्यूजियम में बिश्व प्रसिद्ध हस्तियोंकि मोमकि मूर्ति बणै बेर संग्रहित करि राखी। उन मूर्तियों में दुनी में प्रसिद्ध खिलाड़ि, नेता, मौडल, हीरो- हीरोइन सबोंकि मूर्ति बणी छन। यो सब मूर्ति आदमकट बणी हुई छन जो कि 500 है लै जादा छन। क्वे-क्वे मूर्ति तो बिलकुल सजीव बणी छन जैकें देखि बेर भ्रम जस है जां। नेताओंकि मूर्तियों क गलियारा में हमार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, महात्मा गांधी मूर्ति लै बणी छन। स्वामी विवेकानंद ज्यूकि मूर्ति लै यो म्यूजियम में स्थापित छु।
लंदनक ब्लूम्सबरी (ग्रेट रसल स्ट्रीट) नामक जाग में ब्रिटिश म्यूजियम बणी हुई छु, जमंे हर महाद्वीप बै लाई हुई चीजों कें संग्रह करि बेर धरि राखौ। मानव सभ्यता बै ल्हिबेर आज तककि संस्कृतिक झलक यो संग्रहालय में देखाई दीं। यो संग्रहालय में भौत पुराणि सामग्री संग्रहित करि राखै। टावर आफ लंदन लै एक भब्य इमारत छु जो टेम्स नदीक किनार बणी हुई छु। यो भब्य किला मजबूत पत्थरांेल बणी छु, बताई जां कि यो पत्थर फ्रांस बै मगाई गई। पैंली यो किला में ब्रिटेनक शाही महल छी, जमंे राजसी बंदियों कें सजा दिनै लिजी कारागार और फांसि घर लै बणी छु। यो किला में ब्रिटिश शासनकालाक युद्ध उपकरण, सैन्य पोसाक, अस्त्र-शस्त्र, सुन-चांदि क भौत आभूषण, बर्तन, घुड़सवारों और लड़ाकू सैनिकोंक पुतला और मुख्य आकर्षण हमर कोहीनूर (हिर) लै सजाई छु। यो कोहिनूर आब ब्रिटिश महारानी मुकुट में लागी छु।
लंदन एक भौत आकर्षक और देखनलैक शहर छु। लंदन में हमार देशाक लै भौत लोग रौनी, कुछ नौकरी करनी, कुछ दुकान लै करनी। यां इंडियन स्टोर लै छन जनूमें हमर यांक सारै समान मिलि जां। यां तक कि पुज-पाठ क समान लै यां मिलि जां। यां साउथ आॅल नामक जाग में भौत भारतीय रौनी। आपण द्वि महैण लंदन प्रवासाक दौरान हमूकैं वां भौत कुछ देखन हंु और सिखन हंु मिलौ। देखते- देखते हमर वापसीक बखत लै ऐगे। 9 जून 2019 हुं हमरि वापसी छी। हमूकें हवाई अड्ड तक छोड़न हुं हमर च्यल और ब्वारि आई। लंदन बै नई दिल्ली इंदिरागांधी हवाई अड्डाक टर्मिनल 3 में उतरि गयां। य परकार हमरि लंदन कि यो सुखद यादगार यात्रा संपन्न भै।
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'पहरू' कुमाउनी पत्रिका नवंबर २०२१ अंक बै ।
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