‘उज्याव’ : कुमाउनी भाषा में उत्तराखंड सामान्य ज्ञानकि पैंल किताब
कुमाउनी भाषा में उत्तराखंड सामान्य ज्ञानकि पैंल किताब
कुमाउनी भाषा , साहित्य , संस्कृति बिकासै लिजी भाषा, साहित्य, संस्कृति प्रेमियों द्वारा कई किसमकि प्रयास बर्षो बटी चल रीं । इनरै प्रयासोंक बदौलत आज कुमाउनी भाषा में तमाम विधाओं में भरपूर साहित्य देखिण हुं मिलनौ और भाषा कैं मजबूती मिलनै ।
कुमाउनी में उत्तराखंड सामान्य ज्ञानकि किताब हूण ठुलि बात छु । कुमाउनी भाषा में उत्तराखंड सामान्य ज्ञानकि किताब मई २०१२ में सामणि ऐ, और यै है पैंली कुमाउनी में उत्तराखंड सामान्य ज्ञानकि किताब न्हैंती। यैई कारणल य कुमाउनी भाषा में उत्तराखंड सामान्य ज्ञानकि पैंल किताब कई जै सकीं ।
किताब में लेखकक कूण छु कि उनूल य किताब हमार नानतिनों कैं कुमाउनी भाषाक ओर ध्यान दिण व कुमाउनी कैं पढ़न- लेखन क मकसदल लेखि रौ। अगर हमर उत्तराखंड सामान्य ज्ञानक लिजी एक ठुल ग्रंथ लेखी जाओ तो उलै कम पड़लि मगर य किताब में लेखकल कई खाश मुद्दों पर कुशलताल नानतिनोंक लिजी जानकारी जुटै रै और किताब में वर्णन करि रौ ।
आओ जाणनू य किताबक बार में खाश जानकारी ...
किताबक मुखपृष्ठ -
१०० पेजकि य किताब २०१२ में छपै किताब बै जुड़ी खाश जानकारी किताब बै -
लेखक द्वारा य किताब में ६६ खाश शीर्षकोंक माध्यमल सामान्य जानकारी दि रै । ६६ शीर्षक किताब में य प्रकार छन -
लेखक परिचय -
य किताबक लेखक कुमाउनी, हिंदी साहित्यकार पूरन चंद्र कांडपाल ज्यू छन । कांडपाल ज्यू लम्ब बखत बटी कुमाउनी भाषा साहित्यक बिकास करण में लागि रईं । एक दर्जन है सकर किताब उनार कुमाउनी भाषा में छपि गई । उनर जीवन परिचय उनरि किताब बटी साभार तलि य प्रकार छु -
( पूरन चंद्र कांडपाल )
मलि देई कुमाउनी किताबोंकि सूचीक अलावा ‘हमरि भाषा हमरि पछ्याण’ किताब छपि रै और ‘कुमाउनी भाषाक व्याकरण’ किताब छपणी छु ।
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